सौरमंडल में पृथ्वी NCERT class 6 geography chapter 1 notes

class 6th geography chapter – 1 सौरमंडल में पृथ्वी notes in Hindi, THE EARTH IN THE SOLAR SYSTEM

 NCERT class 6
class 6th geography notes in hindi

class 6th geography notes in Hindi सौरमंडल में पृथ्वी 

Textbook  NCERT
Class  Class – 6th 
Subject  geography 
Chapter  chapter – 1
chapter name  सौरमंडल में पृथ्वी
Medium  Hindi 

Geography

geography का ग्रीक भाषा मे अर्थ है पृथ्वी का विवरण।  यह दो ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है जिनमें ge शब्द का अर्थ हैं पृथ्वी एवं ग्राफिया (graphia) का अर्थ है लिखना

हैलो दोस्तों आज के इस पोस्ट मे हम लोग “सौरमंडल में पृथ्वी ” NCERT Class 6th geography का notes को पढ़ने वाले है आप इस notes को शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढे ये पोस्ट आपके exam में helpful रहेगा । 


पूर्णिमा

पूर्ण चंद्रमा वाली रात को पूर्णिमा कहा जाता है। पूर्ण चंद्रमा को लगभग एक महीने में एक बार देख सकते हैं।

  • अमावस्या

    पूर्णिमा के 15 दिन के बाद के चंद्रमा या नए चंद्रमा को अमावस्या कहा जाता है।

    • नोटसूर्य के अत्यधिक प्रकाश के कारण हम रात में चमकने वाली वस्तुओं को दिन में आसानी से नहीं देख पाते हैं। 

खगोलीय पिंड

सूर्य, चंद्रमा एवं वे सभी वस्तुएं जो रात के समय आसमान में चमकता है खगोलीय पिंड कहलाती है।

तारा – 

तारा एक खगोलीय पिंड है ये  आकार में बहुत बड़े तथा गर्म होते हैं, तारों का निर्माण गैस से होता है इनके पास अपनी ऊष्मा तथा प्रकाश होती है जिसे वह बहुत बड़ी मात्रा में उत्सर्जित करते हैं तथा ये अपने प्रकाश से प्रकाशित होते हैं। तारे सूर्य के समान ही बड़े होते हैं। 

नोट –  सूर्य भी एक तारा हैं।

नक्षत्र मंडल –

  तारों के विभिन्न समूहों द्वारा बनाई गई विविध आकृतियों को नक्षत्र मंडल कहते हैं, अर्सा मेजर या बिग बियर इसी प्रकार का एक नक्षत्र मंडल है।

सप्त ऋषि

सप्त ऋषि (सप्त – सात, ऋषि – संत) एक नक्षत्रमंडल है यह सात तारों का समूह है सप्त ऋषि अर्सा मेजर नक्षत्रमंडल का भाग है।

ध्रुव तारा –

 ध्रुव तारा आसमान में हमेशा एक ही स्थान पर रहता है। ध्रुव तारा उत्तर दिशा को बताता है इसे उत्तरी तारा भी कहा जाता है। सप्त ऋषि की सहायता से ध्रुव तारे की स्थिति को जाना जा सकता हैं।

प्राचीन समय में लोग रात्रि में दिशा का निर्धारण तारों की सहायता से करते थे।

ग्रह –

 ग्रह, खगोलीय पिंड होते हैं जिनके पास अपना प्रकाश एवं ऊष्मा नहीं होती है वे तारों के प्रकाश से प्रकाशित होते हैं ऐसे पिंड ग्रह कहलाते हैं।

नोट –  प्लेनेट (planet) शब्द ग्रीक भाषा के प्लेनेटाइ (planetai) शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है परिभ्रामक अर्थात चारों ओर घूमने वाला । 

सौरमंडल में  ग्रह –

  सौरमंडल में आठ ग्रह हैं। सूर्य से दूरी के अनुसार ग्रह हैं  –  बुद्ध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस तथा नेपच्यून

  • बुध सूर्य से सबसे नजदीक है। अपनी कक्षा में सूर्य के चारों ओर एक चक्कर लगाने में इसे केवल 88 दिन लगते हैं।

जुड़वा ग्रह – शुक्र ग्रह को पृथ्वी का जुड़वा ग्रह माना जाता है क्योंकि इसका आकार एवं आकृति लगभग पृथ्वी के समान है।

कक्षा –

सभी ग्रह सूर्य का चक्कर एक निश्चित पथ पर लगाते हैं जो की दीर्घ वृताकार होता है, ये दीर्घ वृताकार पथ कक्षा कहलाती है।

प्लूटो बौना ग्रह – 

 अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संगठन ने अपने बैठक अगस्त 2006 में यह निर्णय लिया कि अन्य खगोलीय पिंड – 203 UB 313 , सिरस तथा प्लूटो  “बौने ग्रह” कहे जा सकते हैं।बौना ग्रह एक ऐसे  आकाशीय पिंड होते  है जो किसी अन्य ग्रह की तरह परिक्रमा नहीं करते  तथा ग्रह के समान बहुत से गुण प्रदर्शित नहीं करते है  जैसे एक निश्चित पथ पर सूर्य की परिक्रमा करना , उचित आकार एवं आकृति । 

सौरमंडल – (NCERT class 6)

सूर्य, आठ ग्रह, उपग्रह तथा कुछ अन्य खगोलीय पिंड जैसे क्षुद्र ग्रह एवं उल्का पिंड मिलकर सौरमंडल का निर्माण करते हैं इसे हम सौर परिवार का नाम देते हैं, जिसका मुखिया सूर्य है। 

सूर्य- 

सूर्य सौरमंडल के केंद्र में स्थित है । यह आकार में बहुत बड़ा है एवं अत्यधिक गर्म गैसों से बना है। इसका खिंचाव बल अत्यधिक हैं जिससे सौरमंडल को बांधे रखता है।

  • सूर्य सौरमंडल के लिए प्रकाश एवं ऊष्मा का एकमात्र स्रोत है।
  • सूर्य पृथ्वी से लगभग 15 करोड़ किलोमीटर दूर है।

पृथ्वी – 

एकमात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन हैं। पृथ्वी अपना संपूर्ण प्रकाश एवं ऊष्मा सूर्य से प्राप्त करती है सूर्य पृथ्वी के सबसे नज़दीक का तारा है।

  • पृथ्वी दूर से अर्थात चंद्रमा से देखने पर यह चंद्रमा की तरह चमकते हुए प्रतीत होगी।
  • सूर्य से दूरी के हिसाब से पृथ्वी तीसरा ग्रह है तथा आकार के आधार पर यह पांचवा सबसे बड़ा ग्रह है।
  • भू – आभ – पृथ्वी ध्रुव के पास थोड़ी चपटी है यही कारण है कि इसके आकार को भू – आभ कहा जाता है।  भू – आभ का  अर्थ है पृथ्वी के समान आकार।
  • नीला ग्रह – अंतरिक्ष से देखने पर पृथ्वी नीले रंग की दिखाई पड़ता है क्योंकि इसकी दो – तिहाई भाग पानी से ढकी हुई है इसीलिए पृथ्वी को नीला ग्रह भी कहा जाता है।
  • जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियां  संभवतः केवल पृथ्वी पर ही है पृथ्वी ना तो अधिक गर्म और ना ही अधिक ठंडा है यहां पर जल एवं वायु की उपस्थिति है। इन्हीं कारणों से, पृथ्वी सौरमंडल का अद्भुत ग्रह हैं।

चंद्रमा – 

  • चंद्रमा पृथ्वी का एक उपग्रह है।
  • चंद्रमा का व्यास  पृथ्वी के व्यास का केवल एक – चौथाई है।
  • चंद्रमा इसलिए इतना बड़ा प्रतीत होता है क्योंकि यह हमारे ग्रह से अन्य खगोलीय पिंडों की अपेक्षा नजदीक है।
  • पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी लगभग 384400 किलोमीटर है।
  • चंद्रमा पृथ्वी का एक चक्कर लगभग 27 दिन में पूरा करता है लगभग इतना ही समय में वह अपने अक्ष पर एक चक्कर पुरा करता है। इसके परिणामस्वरुप पृथ्वी से हमें चंद्रमा का केवल एक ही भाग दिखाई पड़ता है।
  • चंद्रमा की परिस्थितियां  जीवन के लिए अनुकूल नहीं है इसके सातह पर पर्वत मैदान एवं गड्ढे हैं जो चंद्रमा की सतह पर छाया बनाते हैं जिसे पूर्णिमा के दिन चंद्रमा के सतह पर इनकी छाया को देखा जा सकता है‌।

उपग्रह –

एक खगोलीय पिंड है, जो ग्रहों के चारों और उसी प्रकार चक्कर लगाता है, जिस प्रकार ग्रह सूर्य के चारों और चक्कर लगाते हैं।

  • मानव निर्मित उपग्रह –  एक कृत्रिम पिंड है। इसका निर्माण वैज्ञानिकों के द्वारा किया जाता है जिसका उपयोग ब्रह्मांड के बारे मे जानकारी प्राप्त करने एवं पृथ्वी पर संचार माध्यम को संचालित करने के लिए किया जाता है । इसे पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया जाता है ।
    • आंतरिक्ष में उपस्थित कुछ भारतीय उपग्रह – इनसेट, आई. आर. एस., एडूसैट इत्यादि

क्षुद्र ग्रह

क्षुद्र ग्रह मंगल और बृहस्पति के कक्षाओं के बीच में पाए जाते हैं। यह छोटे खगोलीय पिंड होते हैं जो सूर्य का चक्कर लगाते हैं।वैज्ञानिकों के अनुसार क्षुद्र ग्रह, ग्रहों के ही भाग होते हैं, जो की बहुत वर्ष पहले विस्फोट के बाद ग्रहों से टूट कर अलग हो गए।

उल्का पिंड

  • सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले पत्थरों के छोटे-छोटे टुकड़ों को उल्का पिंड कहते हैं ।
  • कभी-कभी यह उल्का पिंड पृथ्वी के इतने नजदीक आ जाते हैं कि इनकी प्रवृत्ति पृथ्वी पर गिरने की होती है इस प्रक्रिया के दौरान वायु के साथ घर्षण होने के कारण यह गर्म होकर जल जाते हैं जिसके फलस्वरुप चमकदार प्रकाश उत्पन्न होता है कभी-कभी कोई उल्का पिंड पूरी तरह जले बिना पृथ्वी पर गिरती है जिससे सतह पर गड्ढे बन जाते हैं।

आकाशगंगा – 

आकाशगंगा करोड़ तारों बादलों तथा गैसों की एक प्रणाली है।

  • आकाशगंगा – यह लाखों तारों का समूह है जो आकाश में एक चौड़ी सफेद पट्टी की तरह एक छोर से दूसरी छोर तक फैली हुई दिखाई देती है। हमारा सौरमंडल इस आकाशगंगा का एक भाग है।
  • प्राचीन भारत में आकाशगंगा की कल्पना आकाश में प्रकाश की एक बहती हुई नदी से की गई थी इसी कारण इसका नाम आकाशगंगा पड़ा।  

ब्रह्मांड – 

 लाखों आकाशगंगा मिलकर ब्रह्मांड का निर्माण करती है। ब्रह्मांड की विशालता की कल्पना करना अत्यधिक कठिन है इसके आकार के संबंध में हमें कोई जानकारी नहीं है लेकिन फिर भी हम जानते हैं कि हम सभी इसी ब्रह्मांड का हिस्सा है वैज्ञानिक अभी भी ब्रह्मांड के बारे में अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करने में जुटे हुए हैं।

आंतरिक ग्रह सूर्य के बहुत नजदीक है । ये चट्टानों से बने है  बाह्य ग्रह सूर्य से बहुत दूर है तथा बहुत बड़े आकार के है 
ग्रह  परिक्रमण काल  धूर्णन काल  चन्द्रमा की संख्या (उपग्रह) ग्रह परिक्रमण काल  धूर्णन काल चन्द्रमा की संख्या (उपग्रह)
बुध  88 दिन 59 दिन 00 बृहस्पति  11 साल 11 महीने (12 साल ) 9 घंटे 56 मिनट (10 घंटे) 53
शुक्र  255 दिन 243 दिन 00 शनि  29 साल 5 महीने 10 घंटे 40 मिनट 53
पृथ्वी  365 दिन 1 दिन 1 यूरेनस  84 साल 17 घंटे 14 मिनट 27
मंगल  687 दिन 1 दिन 2 नेप्चयून  164 साल 16 घंटे 7 मिनट 13

 


रोचक तथ्य 

NCERT Class 6 geography

  • बृहस्पति, शनि तथा यूरेनस के चारों ओर छल्ले हैं।  यह छल्ले विभिन्न पदार्थों के असंख्य के छोटे-छोटे पिंडों से बनी पट्टियाँ है पृथ्वी से इन छल्लों को शक्तिशाली दूरबीन की सहायता से देखा जा सकता है।
  • पौराणिक रोमन कहानियों में ‘सोल’ सूर्य देवता को कहा जाता है ‘सौर’ शब्द का अर्थ है सूर्य से संबंधित इसीलिए सूर्य के परिवार को ‘सौरमंडल‘ (solar system) कहा जाता है।
  • खगोलीय पिंड एवं उसकी गति के संबंध में अध्ययन करने वाले को खगोलशास्त्री कहते हैं।
  • आर्यभट्ट प्राचीन भारत के प्रसिद्ध खगोलशास्त्री थे उन्होंने कहा था कि सभी ग्रह तथा चंद्रमा परिवर्तित सूर्य प्रकाश के कारण चमकते हैं।
  • प्रकाश की गति लगभग 3,00,000  किलोमीटर प्रति सेकंड है इस गति के बावजूद सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में लगभग 8 मिनट का समय लगता है
  • नील आर्मस्ट्रांग पहले व्यक्ति थे जिन्होंने 20 जुलाई 1969 को सबसे पहले चंद्रमा की सतह पर कदम रखा।

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अभ्यास
NCERT class 6th geography notes in hindi

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए।

  1. ग्रह एवं तारों में क्या अंतर है?
    ऊतर – ग्रह एवं तारों के बीच मे निम्नलिखित अंतर है। 

    ग्रह  तारा
    ग्रह के पास अपना प्रकाश तथा ऊष्मा नहीं होता है। तारे के पास अपना प्रकाश और ऊष्मा होता है।
    ग्रह, तारों के तुलना मे छोटे होते है तारे ग्रहों की तुलना में  बहुत बड़े होते है।
    ग्रहों का कोई आंतरिक ऊर्जा स्रोत नहीं होता है । तारों का एक आंतरिक ऊर्जा स्रोत होता है और वे ग्रहों की तुलना मे अधिक गर्म होते है।
  2. सौरमंडल से आप क्या समझते हैं?
    ऊतर – सूर्य आठ ग्रह उपग्रह तथा कुछ अन्य खगोलीय पिंड  मिलकर सौरमंडल का निर्माण करते हैं और इसे हम सौर परिवार का नाम देते हैं सूर्य सौरमंडल के मध्य में स्थित होता है ग्रह अपनी निश्चित कक्षा में सूर्य का चक्कर लगाते हैं उपग्रह ग्रहों की परिक्रमा करते हैं और इसी प्रणाली को हम सौरमंडल कहते हैं।
  3. सूर्य से उनके दूरी के अनुसार सभी ग्रहों के नाम लिखें।
    ऊतर – सूर्य से उनके दूरी के अनुसार ग्रहों के नाम इस प्रकार हैं बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस, नेप्चून अर्थात सबसे नजदीक का ग्रह बुध है एवं सबसे दूर का ग्रह नेपच्यून है।
  4. पृथ्वी को अद्भुत ग्रह क्यों कहा जाता है?
    ऊतर – पृथ्वी को अद्भुत ग्रह निम्नलिखित कारणों से कहा जाता है जो इस प्रकार है- जीवन के अनुकूल परिस्थितियों संभव होता केवल पृथ्वी पर ही पाई जाती है पृथ्वी पर जल एवं वायु उपलब्ध है जो जीवन के लिए आवश्यक है। पृथ्वी पर जीवनदाई ऑक्सीजन गैस और ओजोन परत पाई जाती है।
  5. हम हमेशा चंद्रमा के एक ही भाग को क्यों देख पाते हैं?
    ऊतर – चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है जो कि पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करने में 27 दिन का समय लगाता है और चंद्रमा इतना ही समय अर्थात 27 दिन में ही अपनी धूरी पर एक बार घूम जाता है। और यही कारण है कि हम चंद्रमा के केवल एक ही भाग को देख पाते हैं पृथ्वी से।
  6. ब्रह्मांड क्या है?
    ऊतर – आकाशगंगा करोड़ तारों बादलों तथा गैसों की एक प्रणाली है और इस प्रकार के लाखों आकाशगंगा मिलकर ब्रह्मांड का निर्माण करती है। ब्रह्मांड की विशालता की कल्पना करना अत्यधिक कठिन है इसके आकार के संबंध में हमारे पास कोई जानकारी नहीं है।

सही उत्तर चिन्हित कीजिए (NCERT class 6 Geography)

  1. किस ग्रह को पृथ्वी के जुड़वा ग्रह के नाम से जाना जाता है?
    1. बृहस्पति
    2. शनि
    3. शुक्र
      ऊतर –  c शुक्र 
  2. सूर्य से तीसरा सबसे नजदीक ग्रह कौन सा है?
    1. शुक्र
    2. पृथ्वी
    3. बुध
      ऊतर – b पृथ्वी 
  3. सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर किस प्रकार के पथ पर चक्कर लगाते हैं
    1. वृत्तीय पथ पर
    2. आयताकार पथ  पर
    3. दीर्घ वृताकार पथ पर
      उतर – c दीर्घ वृताकार पथ पर
  4. ध्रुव तारे से किस दिशा का ज्ञान होता है
    1. दक्षिण
    2. उत्तर
    3. पूर्व
      ऊतर – b उतर दिशा 
  5. क्षुद्र ग्रह किन कक्षाओं के बीच पाए जाते हैं
    1. शनि एवं बृहस्पति
    2. मंगल एवं बृहस्पति
    3. पृथ्वी एवं मंगल
      ऊतर – b मंगल एवं बृहस्पति

खाली स्थान भरे (NCERT class 6 Geography)

  1. तारों का एक समूह जो विभिन्न प्रतिरूप का निर्माण करता है उसे तारामंडल  कहते हैं।
  2. तारों की एक बहुत बड़ी प्रणाली को आकाशगंगा कहा जाता है।
  3. चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब है।
  4. पृथ्वी सूर्य से तीसरा सबसे नजदीक ग्रह है।
  5. ग्रहों के पास अपनी ऊष्मा तथा प्रकाश नहीं होती है।